सासनी: जनसहयोग से होगा शमशान घाट का कायाकल्प, भारत विकास परिषद ने उठाया बीड़ा।

 


सासनी। इगलास रोड स्थित शमशान घाट अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को यहां बैठने के लिए न तो बेंच उपलब्ध हैं और न ही प्रकाश की कोई उचित व्यवस्था है। इसी अव्यवस्था को देखते हुए अब स्थानीय समाजसेवियों और भारत विकास परिषद ने शमशान घाट के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है।

मौके पर मौजूद समाजसेवियों ने बताया कि वर्तमान में शमशान घाट की स्थिति बेहद दयनीय है। यहां आने वाले लोगों के लिए बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे अंतिम यात्रा में शामिल होने वाले लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। इसके अलावा, परिसर में सफाई और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है।

बाहर से आने वाले रिश्तेदार टोकते हैं तो शर्मिंदगी होती है

स्थानीय निवासी ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि जब बाहर से कोई रिश्तेदार या परिचित किसी गमी में यहां आता है, तो वह यहां की दुर्दशा देखकर टोकता है। यह पूरे कस्बे और समाज के लिए शर्मिंदगी का विषय बन जाता है कि इतने संपन्न लोगों के होते हुए भी अंतिम विश्राम स्थल की यह हालत है।

22 लाख रुपए के खर्च पर सवाल।

बातचीत के दौरान यह मुद्दा भी उठा कि पूर्व में शमशान घाट के लिए कथित तौर पर 22 लाख रुपये का बजट खर्च किया गया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वहां मौजूद व्यक्ति ने कहा कि यह जांच का विषय है कि वह पैसा कहां लगा और किसने लगाया। पूर्व चेयरमैन एक-दूसरे पर बात टालते हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत यह है कि यहां न तो कोई निर्माण दिख रहा है और न ही कोई सुविधा।

नगर पंचायत नहीं, अब समाज करेगा सुधार।

समाजसेवियों का कहना है कि यह कार्य वैसे तो नगर पंचायत का है, लेकिन अब वे प्रशासन के भरोसे नहीं रहेंगे। 'भारत विकास परिषद' के माध्यम से जनसहयोग से यहां सबसे पहले बैठने के लिए बेंच लगवाई जाएंगी। इसके बाद सफाई अभियान चलाकर इसे एक आधुनिक शमशान घाट के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि दुख की घड़ी में यहां आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

रिपोर्ट BY: हिमांशु कुशवाहा (सासनी)

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