निस्वार्थ सेवा संस्थान की मदद से बेटी का विवाह बना खुशियों का उत्सव, गृहस्थी का सामान पाकर दुल्हने के चेहरे पर बिखरी मुस्कान।

 


हाथरस में निस्वार्थ सेवा संस्थान ने एक बार फिर मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी की सुंदर मिसाल पेश की है। जोगिया गाँव में एक जरूरतमंद परिवार की बेटी के विवाह में संस्थान ने ‘कन्यादान सेवा’ के तहत भरपूर सहयोग दिया।सबसे पहले संस्थान को यह जानकारी मिली कि जोगिया गाँव में एक बेटी की शादी होने वाली है, और उसके माता-पिता आर्थिक स्थिति के कारण बेहद परेशान हैं। जैसे ही यह खबर संस्थान तक पहुँची, उनकी टीम तुरंत गाँव पहुँची। वहाँ पहुँचकर यह बात स्पष्ट हुई कि परिवार को सच में सहयोग की जरूरत है और उनकी चिंताएँ दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थीं।

निस्वार्थ सेवा संस्थान ने बेटी के विवाह को जुटाया गृहस्थी का सामान।

विवाह के दिन हर पिता अपने दिल में गर्व और खुशी लिए खड़ा होता है, लेकिन जब आर्थिक चुनौतियाँ सामने आती हैं, तो यही खुशी कमज़ोर पड़ने लगती है। बेटी के लिए सब कुछ करने की चाह रखने वाले पिता के लिए यह समय बहुत भारी हो जाता है। ऐसे नाजुक पल में निस्वार्थ सेवा संस्थान परिवार का सहारा बनकर सामने आया और पिता के माथे पर आई चिंता की लकीरों को प्यार और सहयोग से मिटा दिया।

जरुरत की हर चीज का किया प्रबंध।

संस्थान के सदस्यों ने बेटी के घर पहुँचकर गृहस्थी का पूरा आवश्यक सामान भेंट किया, जिनमें शामिल थे—7 सुंदर साड़ियाँ,2 बेडशीट,1 बड़ा आर्टिफिशियल सेट,1 छोटा आर्टिफ़िशियल सेट,2 आर्टिफ़िशियल अंगूठियाँ,2 जोड़ी स्लीपर,1 मिक्सी,1 प्रेस,1 वाटर कूलर (12 लीटर),1 बाथरूम सेट,1 टी कैटल,1 कुकर,1 डिनर सेट,1 डाइनिंग सेट,1 बॉटल सेट (6 पीस),1 पंखा,1 टी-शुगर सेट,1 केसरोल सेट (3 पीस),1 मिल्टन बॉटल


संस्थान के पदाधिकारियों ने बेटी के पिता को संस्थान का प्रतीक चिन्ह भेंट कर और पटका पहनाकर सम्मानित भी किया। इतना सहयोग पाकर परिवार भावुक हो उठा। पिता ने कहा कि संस्थान ने उनकी बेटी के विवाह को एक उत्सव में बदल दिया है, और वे इस मदद को जीवनभर याद रखेंगे।

संस्थान के सभी सदस्य और पदाधिकारी रहे मौजूद।

संस्थान के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने कहा कि किसी भी बेटी को अपने सपनों को केवल साधन की कमी के कारण नहीं छोड़ना चाहिए। बेटी का विवाह पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है, और संस्थान आगे भी इसी निस्वार्थ भावना से जरूरतमंद परिवारों की सहायता करता रहेगा।जोगिया गाँव के लोगों ने भी संस्थान की इस पहल की सराहना की और इसे समाज में सहयोग, संवेदनशीलता और भाईचारे का सुंदर उदाहरण बताया।इस अवसर पर अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, कोऑर्डिनेटर चंद्र प्रकाश अग्रवाल, सह सचिव तरुण राघव, विशाल सोनी, सौरभ शर्मा, आलोक अग्रवाल, सुनील कुमार आदि उपस्थित रहे।

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